भाग्य रेखा
भाग्य रेखा के आकार द्वारा किस्मत से सम्बंधित महत्वपूर्ण निर्णयों का निर्धारण नीचे किया जा रहा है :-
- यदि भाग्य रेखा सीधी है और यह रेखा चंद्र पर्वत से मिलती है, तो इससे पता चलता है कि व्यक्ति का कैरियर अप्रत्याशित रूप से प्रभावित होगा ।
- यदि भाग्य रेखा शनि पर्वत की ओर जाती हो और उसकी शाखाएं किसी दूसरे पर्वत से मिलती हो तो ऐसे व्यक्ति के जीवन पर उस पर्वत के गुणो का अधिक प्रभाव रहेगा ।
- यदि भाग्य रेखा की एक शाखा गुरु पर्वत की दिशा की ओर जाती है तो किसी विशेष चरण मे ऐसा व्यक्ति सामान्य से अधिक सफलता पाता है ।
- यदि भाग्य रेखा का उदगम मंगल स्थान के आगे से हो तो व्यक्ति कठिन और मुश्किल समय व्यतीत करेगा ।
- यदि भाग्य रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत की ओर दूसरी शाखा शुक्र पर्वत की ओर जाती है तो ऐसे व्यक्ति का जीवन, कल्पना से जुनून द्वारा प्रभावित रहेगा ।
- यदि भाग्य रेखा टूटी हुई है तो यह दुर्भाग्य और हानि की निशानी है और यदि इसी के समानांतर दूसरी रेखा आरंभ हो जाए तो व्यक्ति के जीवन मे भारी परिवर्तन आता है ।
- यदि दो भाग्य रेखा समानान्तर चलती हो तो यह एक शुभ संकेत है ऐसा व्यक्ति दो अलग अलग क्षेत्र मे महारथ हासिल करेगा ।
- यदि भाग्य रेखा पर वर्ग की उपस्थिति हो तो ऐसे व्यक्ति को व्यापार या वित्तीय मामलों में हानि नही होती है ।
- यदि भाग्य रेखा पर वर्ग के साथ क्रास का चिन्ह हो तो ऐसे व्यक्ति को संकट का सामना करना पड़ेगा तथा साथ ही द्वीप की उपस्थिति ये दर्शाती है कि व्यक्ति को ं दुर्भाग्य हानि और आपदाओं का सामना करना पड़ेगा ।
- यदि चंद्र पर्वत से कोई शाखा भाग्य रेखा पर जा कर मिलती है तो ये दर्शाती है कि व्यक्ति के वैवाहिक जीवन एवं आम जीवन मे इच्छाओ की प्रबलता रहेगी ।
- जिस व्यक्ति के हाथ मे भाग्य रेखा अनुपस्थित होती है, ऐसे व्यक्ति जीवन में कितनी भी सफलता प्राप्त करे परन्तु उसका जीवन घास-फूस के समान होता है ।
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