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सावधान !! आप का ब्लॉग खतरे में,



यह लेख केवल उन्हीं ब्लॉग लेखकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने ब्लॉग से प्यार करते हैं.

यदि आप अपने ब्लॉग में अपनी व्यक्तिगत बातें लिख रहे हैं या अपनी रचनाएं लिख रहे हैं और आप को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई पढ़ रहा है या नहीं, टिप्पणियाँ भी आप अपने लेख के लिए ज़रूरी नहीं समझते हैं तो यह लेख भी आप के लिए बेकार साबित होगा.

यदि आप किसी राजनीतिक विषय या किसी ऐसे विषय पर लेख लिख रहे हैं जिस के लिए पाठक और टिप्पणियाँ ज़रूरी हैं तो आप को ज़रूर ही यह लेख ध्यान से पढ़ना चाहिए.

यदि आप दो-तीन महीने से ब्लॉगिंग कर रहे हैं और आप की ब्लॉगिंग सीरियस है तथा आप लंबे समय तक लिखना चाहते हैं,

परन्तु अभी तक आप ने यह नहीं सोचा है कि आप किस विषय पर लिख रहे हैं या लिखेंगे तो आप का ब्लॉग खतरे में पड़ने वाला है.

ब्लॉगिंग शुरू करते समय तो हमें इस बात का ध्यान नहीं रहता कि हम किस विषय पर लिख रहे हैं,

परन्तु यदि जल्द ही हम इस और ध्यान नहीं देते हैं तो हमारे ब्लॉग की धीरे-धीरे मृत्यु होने लगती है.

किसी भी ब्लॉग की सांसें उसके पाठक और टिप्पणियाँ ही होते हैं.

अतः यह ध्यान देना ही होगा कि पाठक किस ब्लॉग पर जाता है और क्यों ?

पाठक उसी ब्लॉग को पसंद करते हैं जहाँ पर उनकी पसंद की सामग्री प्रचुर मात्र में मिल जाती है. यही आपके ब्लॉग को उन्नत बनाता है, उच्च रैंकिंग भी दिलाता है.

कोई भी पाठक किसी भी चिट्ठे पर उसके लेखों की गुणवत्ता और और संख्या को देखकर ही जाता है.

यदि आप के ब्लॉग पर 40 चुटकुले या व्यंग्य और 25 तकनीकी लेख लिखे गए हैं तो वह पाठक जो चुटकुला-प्रेमी है उसी ब्लॉग को पसंद करेगा जिस पर 60 चुटकुले हों या तकनीकी लेख न हों.

ऐसे फालतू के बोर लेखों से उसे क्या ! वह तो बस कुछ चुटकुले ही पढ़ना चाहता है.

चुटकुला-प्रेमी तकनीकी लेखों को देख भाग खड़ा होगा और ठीक ऐसा ही तकनीकी लेखों को पसंद करने वालों के साथ भी होगा.

अतः समय रहते अपने ब्लॉग का विषय सोच-समझ कर निर्धारित कर लें.

यदि आप को लगता है कि आप चुटकुले, खेल, व्यापार आदि विभिन्न विषयों पर लिख सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप प्रत्येक के लिए अलग- अलग ब्लॉग बना लें.

अभी तो कुल मिलाकर हिन्दी में 14000 ( चौदह हज़ार ) ब्लॉग भी नहीं हुए हैं. अतः सम्भव है कि आप के ब्लॉग पर पाठक आ ही जाते हों, पर 2010 में या उसके बाद के वर्षों में क्या होगा इस पर भी यदि आज ही न सोचा गया तो कल आप का ब्लॉग ( चिट्ठा ) दम तोड़ देगा.
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